#पासी_जाति_से_टूट_कर_अलग_हुई_जातिया
#टूटी_हुई_उपजातियां
#पासी_राजभर_अरख_खटिक_जाति
नमस्कार दोस्तों एक बार आपका फिर से स्वागत है दोस्तों पासी जाति के इतिहास के बारे में मै आपको कोई न कोई जानकारी देता रहता हूं दोस्तों ऐसी ही आज आपके सामने जानकारी लेकर आया हु #पासी_जाति_के_उप_जातियों के बारे में
दोस्तों बात की जाय भारत की तो भारत जातियो का देश है
भारत पहले जातियों में बटा है फिर वह जातिया उपजातियों में बटी है फिर वह उपजातियां भी उपजातियों में बटी है
___________________________
जहाँ कुछ जातिया अपने इतिहास को जानकर
अपने पूर्वजो पर गर्व करती है
यहाँ तक चमार जाति के लोग भी अपने पूर्वजो का इतिहास जानकर अपनी जाति पर गर्व करते है और इसी कारण दा ग्रेट चमार का मिशन भी चला रहे है जितनी भी चमार ग्रुप की उपजातियां थी घसिया झुसिया मोची जाटव यह सभी जातिया चमार लिख कर एक हो गयी और इस कारण वहः आज सत्ता की दहलीज तक पहुच गयी है और इसी तरह यादव कास्ट की जितनी भी उपजातीया थी वह भी यादव लिख कर एक हो गयी है और इस तरह यादव भी सत्ता तक पहुच गए है
___________________________
इस मुहीम में पासी जाति अभी बहुत पीछे है
पासी जाति की जितनी भी उपजातियां है उन्हें पासी जाति के सन्गठन और नेता एक नही कर पाए पासी जाति की जितनी भी उपजाति है वो पासी न लिख कर अपनी उप जाति को महत्व देते है और इसी कारण कई बार आपसी मत भेद भी हो जाता है पासी जाति की उप जातिया जैसे
1बौरासी
2कैथवास
3राजवंशी
4 खटीक
5 अरख
6 गूजर
7 पसमंगता
8 बहेलिया
9भर
आदि सभी उप जातिया अपने नाम के साथ अपनी उप जाति लिखती है
अगर ये सभी उप जातिया अपने आपको अपनी उप जाती से सम्बोधित करेंगे तो इसमें पासी कौन है
इसमें पासी तो हैं ही नही पासी एक पेड़ है जो इन सभी उपजाति नाम की डालियों को अपने आप से जोड़ कर रखे है
इसमें से कुछ जातिया तो अपने आपको पासी लिखती है
लेकिन कुछ उपजातियां जैसे #भर #अरख #खटीक अपने आप को पासी जाति से अलग स्वतंत्र जाती के रूप में दरशाती है ये जतिया कब पासी जाति से टूट कर अलग हो गयी कुछ पता ही नही चला इस पर गहन चिंतन और शोध करने की आवश्यक्ता है
अरख भर और खटीक ये जातिया भारत को आजादी मिलने तक तो पासी जाति से ही सम्बोधित की जाति थी लेकिन आजादी के बाद ऐसा कौन सा समय आया की वो जातिया अलग हो गयी कुछ बुद्धजीवी है जो यह शिवकार करते है कि ये जातिया भी पासी जाति में ही सम्मलित है इसके प्रमाण भी मिलते है इनके प्रमाण कुछ इस तरह है
======================
अरख पासी के
पासी होने के प्रमाण
___________________________
(1) पुस्तक हरदोई संस्कृतिक गजेटियर इसकी लेखिका है अंजली चौहान
पेज नम्बर 114 पर लिखती है
आरख जाति के उत्तपत्ति के बारे में लिखती है रसल और हीरालाल के अनुसार आरख लोग पासी और बहेलिया जाति से ही सम्बन्ध रखते है इनकी परम्पराये भी पासी जाति से मिलती है
======================
(2) लेखक विजय सोनकर शास्त्री
पुस्तक हिन्दू खटीक जाति
चैप्टर हिन्दू खटीक जाती एवं उपजातियों की सूचि 25 नम्बर पर अरख जाति के बारे में लिखते है
अरख- इसे पासी या बहेलिया जाति की उपशाखा और पासी की वर्णसंकर जाति कहते है
अर्थात पासी ही कहते है
======================
(3)डॉक्टर अम्बेडकर सम्पूर्ण वाड्मय खण्ड 4 के पेज 222 ,23 पर बाबा साहेब भी इस बात को सिवकार करते है वह लिखते है कि
आरख जाति पासी जाति की ही उप जाति है लेकिन यह जाति भी अपने आपको स्वतंत्र जाति के रूप में दरशाती है
ऐसे बहुत से प्रमाण मिल जाते है जो अरख जाति को पासी जाति के रूप में दरसाते है
======================
अब देखे भर पासी के
पासी होने के प्रमाण
___________________________
1 hindu tribe and cast as representetd in benares valume 1 1872 के चैप्टर 5 पर
पासी जाती की उप जाति की लिस्ट दी गयी है
जिस लिस्ट में पासी जाति की 9 उपजातियां दी गयी है उस 9 उप जाति में भर जाति नवे नम्बर पर दर्ज है
वो कुछ इस तरह है
1 jaiswara 6 chiriyamar
2 kainswat 7 biadh
or kaithwan 8 bihari
3 gujar ( 9 bhar)
4 trisuliya
5 pasiwan
======================
2 इन्डियन फ्रांचिस कमेटी वैल्युम 2
पेज नम्बर 439 पर अंग्रेज इतिहासकार मिस्टर ब्लंट लिखते है
Bhar is an untouchable, as has been shown in Mr. Blunt's note, and is the other name for Pasi.
हिंदी अनुवाद है
भर एक अछूत जाती है, जैसा कि मिस्टर ब्लंट के नोट में दिखाया गया है, और भरो का दूसरा नाम। पासी है
======================
3 THE JOURNAL OF THE
ROYAL ASIATIC SOCIETY
OF GREAT BRITAIN AND IRELAND.
VOLUME THE FIFTH.
चैप्टर दा भर ट्राइब पेज नम्बर 395 पर पासी और भर जाति के विषय पर कुछ इस तरह लिखा है
by some persons the bhar are included in the caste of pasis
इसका हिंदी अनुवाद है
कुछ लोगो का मानना है कि भर जाति पासी जाति में ही समिल है अर्थात भर पासी जाति में ही आते है
यह पूरा चैप्टर भर जाती पर आधारित है इस चैप्टर पर सिर्फ भर जाति पर ही फ़ोकस किया गया है उसके बाद भी यह शिवकार किया गया है
और भी ऐसे बहुत से प्रमाण मिलते है
======================
खटीक जाति के
पासी होने के प्रमाण
खटीक जाति के पासी होने का सबसे बड़ा प्रमाण है लेखक विजय सोनकर शास्त्री जी जो खटीक जाति से आते है
उन्होंने एक पुस्तक लिखी जो साक्षो पर आधारित है वो पुस्तक है हिन्दू खटीक जाति
इस पुस्तक के पेज नम्बर 320
जातियों की उपजाति बताई गयी है (974)पर पासी जाति के उप जातियों के बारे में लिखा गया है
पासी जाति की उपजाति में खटीक जाति दूसरे नम्बर पर दर्ज है
ऐसे और भी बहुत से साक्ष्य मिलते है हमने एक ही साक्ष्य दिखाना उचित समझा की लेख लम्बा न हो जाए
लेखक : भारत पासी भारशिव
सपोर्ट : दादा पासी
ब्लॉगर : #भारशिव_पासी_राजवंश
और
http://bharshivpasirajvansh.blogspot.com/
#महाराजा_सुहेलदेव_पासी
http://www.Rajasuheldevpasi.blogspot.com
फेसबुक पेज:
विश्व सनातन पासी समाज
https://www.facebook.com/Suhelwanshi5/
पासी इत्तिहास
https://www.facebook.com/पासी-इतिहास-412720465954694/
यू ट्यूब चैनल:
महाराजा सुहेलदेव पासी
https://youtu.be/xvdZnwpDaVs
बहुत ही अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंजय महाराजा सुहेलदेव पासी
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंSatta King, लॉटरी साइड इंटरेस्ट के रूप में शुरू हुआ, जो कि जेनिथ लॉटरी गेम्स में से एक बन गया! बॉम्बे कॉटन ट्रेड से न्यूयॉर्क कॉटन ट्रेड में भेजे जाने वाले कॉटन के ओपन और क्लोज चार्ज पर दांव लगाने की वास्तविकता के कारण Satta King शुरू हुआ! जैसा कि हो सकता है, लगातार विकसित होने वाले अवसरों के साथ, कपास शुल्क पर दांव लगाने का मानक कार्य बदल गया और व्यक्तियों ने गैर-मौजूद संख्याओं पर दांव लगाना शुरू कर दिया।
जवाब देंहटाएंSatta King
Satta Result